न्यूरोबिक कसरत से मस्तिष्क ठीक

Neurobics Brain Exercise

न्यूरोबिक्स दिमाग के लिए की जाने वाली ऐसी कसरत है, जिससे दिमाग तरोताजा होता है और जीवन शैली में भी स्थायित्व आता है

अपनी दिनचर्या या लाइफस्टाइल को ठीक रखने के लिए हम कई तरह के कसरत या फिटनेस प्रोग्राम करते रहते हैं । लेकिन हमारे अधिकांश कसरत पूरे शरीर की फिटनेस पर केंद्रित होते हैं । इसलिए दिमाग को तंदुरुस्त रखने के लिए न्यूरोबिक्स करना लाभदायक रहता है । इस तरह की कसरत का मकसद यह होता है कि दिमाग के अपने संदेश वाहक रास्ते ज्यादा से ज्यादा सक्रिय हो और नए रास्तों का विकास हो, ताकि हमारा मस्तिष्क क्षमता वान बना रहे न्यूरोबिक्स से न सिर्फ हमारी याददाश्त तेज हो सकती है, बल्कि हमारी अन्य क्षमताएं जैसे सूंघने, स्पर्श अदि की क्षमताएं भी विकसित होती हैं ।

दरअसल जब दिमाग किसी को पहचानने या जानने के लिए कार्य करता है तब दिमाग में न्यूट्रीफिल नामक ब्रेन विटामिन का संचार होता है । यह दिमाग का भोजन होता है, जो डेन्ड्राइट्स को चलाएं मान बनाए रखने में सहायता करता है । ये कई शाखाओं में बाटे होते हैं और एक जाल नुमा संरचना बनाते हैं । यदि डेन्ड्राइट्स स्वस्थ हों तो इससे ध्वनि, स्वाद, गंद, स्पर्श और दृश्य पर आधारित याददाश्त लंबे समय तक बनाए रखी जा सकती है ।

न्यूरोबिक कसरत

* कभी-कभार आंखें बंद करके, मौन रहकर केवल स्पर्श पर या दूसरे सेंस के सहारे कार्य करने का प्रयास करें ।

* अपने वस्तुओं को चुनते समय या दरवाजा खोलते या बंद करते समय आंखें बंद कर ले और स्पर्श के आधार पर यह कार्य करने की चेष्टा करें ।

* यदि स्नान कर रहे हो तो आंखें बंद करके साबुन शैंपू आदि का इस्तेमाल करें ।

* अपने परिवार के सदस्यों के साथ कभी-कभी आंखों एवं हाथों के सहारे बातचीत करने का प्रयास करें ।

* दो इंद्रियों का एक साथ इस्तेमाल जैसे अगरबत्ती जलाकर या हाथों में फूल लेकर उसकी खुशबू का आनंद लेते हुए अपने पसंदीदा गीत-संगीत का लुत्फ उठाएं ।

* अपने शौक एवं आदतों में बदलाव लाएं, ताकि जीवन में एक रसता बनी रहे ।

* कभी-कभी असमान्य कार्य करें, जिसमे प्रेम, क्रोध, आनंद, भावुकता जैसी भावनाओं को अलग ढंग से प्रकट किया जाए ।

* कभी-कभी अपनी पसंदीदा चीज को छोड़कर नापसंद चीजों को आजमाएं और अपनाएं ।

* यदि आप हमेशा बैठे वाले खेल खेलते हैं तो ऐसे खेल भी खेले जिसमें जिस में शारीरिक फुर्ती का इस्तेमाल हो ।

* अगर आप एक ही रास्ते से दफ्तर जाते हैं, तो इसे भी कभी कभार बदले ।

* अगर हो सके तो, कपड़े पहनने या बाल सवारने की स्टाइल भी बदले । या फिर घर या कार्यालय का फर्नीचर भी अरेंज करें ।

इन बातों से बचें

* तनावपूर्ण जीवन पद्धति से और मस्तिष्क पर अत्यधिक तनाव आने से भी बचें ।

* शरीर में कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम क्लोराइड के स्तर में और मस्तिष्क में ऑक्सीजन की आपूर्ति के कम होने से भी बचें ।

* मस्तिष्क में दोषपूर्ण जानकारियों के एकत्री करण से बचे तथा कभी भी असुंतलित या आवश्यकता से कम भोजन भी करने से बचना सही रहेगा ।

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